आधे अधूरे मिसरे- प्रसिद्ध पंक्तियाँ भाग-1 #प्रतियोगिता , एक डोर में सबको जो है, बाँधती वह हिंदी है।
एक डोर में सबको जो है,
बाँधती वह हिंदी है।
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एक डोर में सबको जो है,
बाँधती वह हिंदी है।
मातृभाषा कहलाती वह,
ज्यों भाल पर लगी बिंदी है।
उत्तर से दक्षिण तक जाओ,
हिंदी सभी बूझते हैं।
अब तो हिंदी भाषा को,
परदेश में भी समझते हैं।
सारे देश की धड़कन है,
मन के भाव एक करती।
हिंदी भाषा सबकी भाषा,
नहीं निराश हमें करती।
बालक जब उच्चारे कुछ तो,
अम्माँ बोले सबसे पहले।
अपनी भाषा हिंदी भाषा,
हम सबका मान बढ़ाए पहले।
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#आधी अधूरी मिसरे /प्रसिद्ध पंक्तियां- भाग -1
काव्यरचना - शोभाशर्मा , छतरपुर म.प्र. से
Shashank मणि Yadava 'सनम'
13-Sep-2023 08:29 AM
सुन्दर सृजन
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.......
16-Aug-2023 06:39 AM
Bahut hi behtreen rachna ❤️❤️ ye art maine banai hai yahan ise dekhkar Khushi hui😊💕
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